नई दिल्ली। भारतीय योग और आयुर्वेद की परंपरा आज पूरी दुनिया में स्वास्थ्य और तंदुरुस्ती का प्रतीक बन गई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी इनके लाभों को मान्यता दी है।
वैश्विक स्वीकृति
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की सफलता के बाद योग का प्रचलन तेजी से बढ़ा है। अमेरिका, यूरोप और एशिया के देशों में लाखों लोग नियमित रूप से योग करते हैं।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, योग से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों में सुधार होता है। तनाव, चिंता और अवसाद से राहत मिलती है। नियमित योग से रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है।
आयुर्वेद का बढ़ता प्रभाव
आयुर्वेदिक उत्पादों की मांग भी विश्वभर में बढ़ रही है। प्राकृतिक और हर्बल उपचार की ओर लोगों का रुझान बढ़ा है। पतंजलि, हिमालया और डाबर जैसी कंपनियां अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेजी से विस्तार कर रही हैं।
आयुष मंत्रालय ने योग और आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं। विदेशों में योग केंद्र खोले जा रहे हैं और आयुर्वेदिक डॉक्टरों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
जीवनशैली में बदलाव
आधुनिक जीवनशैली की समस्याओं जैसे मोटापा, डायबिटीज और हृदय रोग से बचाव में योग और आयुर्वेद कारगर साबित हो रहे हैं। विशेषज्ञ रोजाना 30 मिनट योग करने की सलाह देते हैं।
युवा पीढ़ी भी अब फिटनेस के लिए जिम के साथ-साथ योग को अपना रही है। ऑनलाइन योग क्लासेज की लोकप्रियता भी बढ़ी है।
